दरभंगा: जिले के सकतपुर इलाके के एक मंदिर कैंपस में एक युवक को गोली मारी गई है। घायल को गंभीर हालत में पहले बेनीपुर के प्राइवेट क्लिनिक में एडमिट कराया गया। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए दरभंगा और फिर पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया। घटना शनिवार देर रात की है। उधर, फायरिंग के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। घटना नदियामी गांव के लक्ष्मीटोल स्थित काली मंदिर कैंपस की है।

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घायल युवक की पहचान 30 साल के प्रभु नारायण शर्मा के रूप में हुई है। प्रभु नारायण लक्ष्मीपुर वार्ड संख्या आठ का रहने वाला है। गोली लगने के बाद ग्रामीणों ने उसे पहले बेनीपुर के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया। डॉक्टरों के अनुसार, प्रभु नारायण के गले में दो गोलियां लगी हैं। हालत गंभीर बनी हुई है।

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ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर परिसर से दो गोली चलने की आवाज आई। लोग दौड़कर पहुंचे तो प्रभु नारायण खून से लथपथ हालत में मिला। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। प्रभु नारायण की मां सीताय देवी ने बताया कि वह रोज रात खाना खाने के बाद टहलने के लिए मंदिर परिसर जाता था। शनिवार को भी वह रात घर से निकला था। तभी अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मार दी।

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घायल प्रभु नारायण की मां सीताय देवी ने बताया कि मेरा बेटा रोज रात को खाना खाने के बाद टहलने निकलता था। वह टहलने गया। रास्ते में गांव के मनमोहन चौधरी ने उसे रोका। कहा- घर में क्या सब बना है फिर बताया तो बोला कि जाकर मूंग की चटनी लेकर आओ। प्रभु नारायण घर आया। पत्नी से चटनी मांगी। पत्नी ने कहा- पहले बताते तो बना देती, अब खत्म हो गई है। इसके बाद वह फिर बाहर चला गया।

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रात में परिवार के लोग खाना खाकर सो गए। किसी को अंदाजा नहीं था कि बाहर क्या हो जायेगा। देर रात गांव के ही कुछ लोग प्रभु नारायण को बेहोशी की हालत में बेनीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवा चुके थे। मां सीताय देवी को इसकी जानकारी तब मिली जब मनमोहन चौधरी ने उनके पति को फोन कर बताया कि तीन लोगों ने मिलकर उनके बेटे को मारा है। वह बेहोश पड़ा था।

मां ने बताया कि बेटे से अब तक बात नहीं हो पाई है। दूसरे लोगों से ही उसकी हालत की जानकारी मिल रही है।

घटना की जानकारी मिलते ही आज बेनीपुर एसडीपीओ आशुतोष कुमार और सकतपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का निरीक्षण किया। एक खोखा बरामद हुआ। एफएसएल टीम ने कई साक्ष्य सुरक्षित किए हैं। मंदिर परिसर में चौकीदार की तैनाती कर दी गई है। पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर सुरक्षित किया गया है।

एसडीपीओ आशुतोष कुमार ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है। टेक्निकल टीम की मदद से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपितों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्रभु नारायण को किसने और क्यों गोली मारी।

घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। प्रभु नारायण के घर में उसकी मां, पत्नी रुक्मणि देवी और तीन बच्चे हैं। कुछ महीने पहले ही वह अपने बेटे के मुंडन संस्कार के लिए बेंगलुरु से गांव आया था। ग्रामीणों का कहना है कि उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।