मध्यान भोजन खाने से 29 बच्चे बीमार, खाने में मिला छिपकली।
दरभंगा: मध्याह्न भोजन खाकर 29 बच्चे बीमार हो गए। बच्चों को उल्टी और चक्कर आने लगे। सभी को बिरौल सीएचसी ले जाया गया। जहां इलाज जारी है। स्कूल में 270 छात्र और 170 छात्राएं नामांकित हैं। घटना के बाद बिरौल अनुमंडल के एसडीओ शशांक राज अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल जाना।

विद्यालय की रसोइया अमेरिका देवी ने बताया कि चावल और सब्जी बनाई थी। दूसरी रसोइया ने चना को दो-तीन बार धोकर सब्जी में डाला था। जब सब्जी पकाई गई, तब कुछ नहीं दिखा, लेकिन जब बच्चों को खाना परोसा गया, तब एक बच्चे की थाली में गिरगिट का सिर दिखा।

पांच से अधिक बच्चों की थाली में खाना परोसा जा चुका था। गिरगिट का सिर दिखने के बाद खाना परोसना बंद कर दिया गया। सारा खाना फेंक दिया गया। बर्तन धोकर दोबारा खाना बनाया गया।

वहीं, जब एमडीएम प्रभारी से पूछा गया कि बाकी बच्चों ने खाना नहीं खाया, तो वे कैसे बीमार हुए। इस पर कहा कि गर्मी के कारण या 1-2 बच्चों को देखकर बाकी भी बीमार हो गए होंगे। मामला बिरौल थाना क्षेत्र के राजकीय मध्य विद्यालय बोआरी का है।

पंचायत सचिव रविंद्र कुमार ने बताया कि मैं पारिवारिक रजिस्टर तैयार करने गया था। इसी दौरान घटना की जानकारी मिली। खाने में गिरगिट मिला था। 10 से 20 बच्चे बेहोश हो गए थे। प्रिंसिपल और शिक्षक ठीक से रिस्पांस नहीं लिए।
ग्रामीण अमरजीत चौधरी ने बताया कि बच्चों को जो खाना दिया गया, उसमें गिरगिट मिला था। एक बच्चा खाना खाने के 10-15 मिनट बाद बेहोश हो गया। खाना रोक दिया गया, लेकिन थोड़ी देर बाद वही खाना फिर से बच्चों को परोसा गया। करीब 50 से 60 बच्चों को परेशानी हुई। 15 से 20 बच्चों की हालत गंभीर थी। ऑटो, टोटो और एंबुलेंस से बच्चों को सीएचसी भेजा गया।
विद्यालय के हेडमास्टर अरुण कुमार मंडल ने कहा कि मैं स्कूल में नहीं था। 2 शिक्षक पहले खाना खा चुके थे। फिर बच्चों को परोसा गया। एक-दो बच्चों ने खाना खाते समय कीड़ा देखा। खाना तुरंत रोक दिया गया। किसी और को नहीं दिया गया। फिर सारा खाना फेंक दिया गया।
एमडीएम प्रभारी संजय कुमार चौधरी ने बताया कि शिक्षक सोनू कुमार ने पहले खाना खाया। फिर दो-तीन बच्चों को परोसा गया। कुछ दिखने पर खाना रोक दिया गया। बर्तन धोकर दोबारा खाना बनाया गया।
फिर बच्चों को खिलाया गया। कुछ बच्चे बीमार हो गए। सभी को सीएचसी लाया गया। एसडीओ भी अस्पताल पहुंचे। जांच में दोषी पाए जाने पर हेडमास्टर पर कार्रवाई होगी।
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