दरभंगा: डीएमसीएच के न्यू सर्जरी भवन में मरीजों के इलाज में लापरवाही पर प्रमंडलीय आयुक्त कौशल किशोर ने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने बुधवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सर्जरी विभाग के डॉ. पीके साह की यूनिट में डॉक्टरों के राउंड नहीं लगाने की बात सामने आई। डॉक्टर एप्रन में नहीं थे। मरीजों से बाहर से आई ड्रॉप मंगवाया जा रहा था। इस पर आयुक्त ने नाराजगी जताई।

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अस्पताल में सफाई की स्थिति भी खराब मिली। पीने के पानी के बेसिन गंदे थे। इस पर कावेरी जीविका के बीपीएम सिकंदर को फटकार लगाते हुए कहा कि सफाई का ऐसा बोकस काम कर जीविका का नाम मिट्टी में मत मिलाओ।

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बहाने मत बनाओ, काम पर ध्यान दो। मेडिसिन ओपीडी में मरीजों के लिए चेयर नहीं थी। बीएमएस आईसीएल के प्रतिनिधि से चेयर का लिस्टर नहीं देने पर चेयर की गिनती कराई गई। वर्ष 2023 में लगे अग्निशामक यंत्र एक्सपायर हो चुके थे, फिर भी उन्हें नहीं हटाया गया था। इस पर भी बीएमएस आईसीएल के प्रतिनिधि को फटकार मिली।

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अस्पताल अधीक्षक डॉ. शीला कुमारी को आयुक्त ने कहा कि निडिल इस्तेमाल के बाद फेंका हुआ है, उसका कटर क्यों नहीं किया गया। पूछा कि आप यहां क्या देखती हैं। आपको यह तक नहीं पता कि किस डस्टबिन में कौन सा कचरा होना चाहिए। मेडिसिन सीसीडब्लू में दीवार से पानी टपक रहा था। डस्टबिन ढककर नहीं रखा गया था। कहा गया कि यहां हर तरह के बीमारी का मरीज इलाज के लिए आते है। ऐसे में इंफेक्शन का खतरा है। जीविका के सफाई सुपरवाइजर ने कहा कि कल से ढक देंगे। जिस पर आयुक्त ने कहा कल से क्यों आज से ही इसे ढके। उन्होंने बीएमएस आईसीएल के प्रतिनिधि कहा कि जब बिल्डिंग को हैंड ऑवर कर दिया गया है, तो किस अधिकार से बांस बल्ला को रखे हुए है। सर्जरी वार्ड के पेंट्री रूम को इंडेंट किए गए दवा रखा हुआ पाया गया। जिसे दवा स्टोर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। आयुक्त ने कड़े शब्दों में कहा कि वैसे तो कभी देखने के लिए आते ही नहीं होंगे। कम से कम हम आए है, तो अंदर आकर तो व्यवस्था को देखें। जिसके बाद अधीक्षक और प्रिंसिपल कमरे के अंदर आ गई। सरकार इतना पैसा खर्च कर रही है। तो कमरे में ताला लगा कर क्यों रखा हुआ है। मरीज के इलाज में इस्तेमाल समान को रखने वाले रूम में साफ बेडसीट रखा हुआ था। 6 सिस्टर में से मात्र 2 सिस्टर ही डयूटी करती हुई पाई गई।

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सर्जरी विभाग के डॉ. पीके साह युनिट में मरीज बुलंदी देवी के परिजन से पूछा गया कि डॉक्टर राउंड लगाते है। तो महिला परिजन ने कहा कि सिस्टर समय-समय पर आकर इंजेक्शन लका देती है, बाकी डॉक्टर का पता नहीं है। जिस पर आयुक्त ने मरीज के इलाज की पर्ची का फोटो खिच लिए। कहा कि अधीक्षक मैडम डॉक्टर राउंड लगाने के बारे में मरीज तक को पता नहीं है। ऐसा नहीं चलेगा। इमरजेंसी का एक्स-रे चल नहीं रहा है तो सिस्टर इंचार्ज दीपा कुमारी की डयूटी क्यों लगाई गई है। इस निरीक्षण के दौरान प्रिंसिपल डॉ. अलका झा, एचओडी डॉ. अशोक कुमार और स्वास्थ्य प्रबंधक उपस्थित थे।